नई दिल्ली, 8 अगस्त
देश में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े चिकित्सकों का मानना है कि होम्योपैथी द्वारा बिना किसी दुष्प्रभाव के स्वाइन फ्लू का इलाज किया जा सकता है और इससे बचा जा सकता है। देश में अब तक 700 से अधिक लोगों में इस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं।
इनफ्लूएंजा ए (एएच1एन1) वायरस को लेकर मची अफरातफरी के बीच होम्योपैथी से जुड़े चिकित्सक इस बीमारी से निपटने में अपनी सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु स्वास्थ्य विभाग के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं।
बाकसंस होम्योपैथी क्लीनिक में चिकित्सक हरचरनजीत कौर ने आईएएनएस से कहा, "इस बीमारी के लक्षणों के आधार पर होम्योपैथी स्वाइन फ्लू का प्रभावी इलाज प्रस्तुत कर सकती है। बड़ी बात यह कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।"
दिल्ली के चर्चित होम्योपैथ चिकित्सक मुकेश बत्रा ने वर्ष 1918 में फैली स्पैनिश फ्लू की महामारी का उदाहरण दिया, जिसमें दुनिया भर में पांच करोड़ से अधिक लोग मारे गए थे। उन्होंने कहा कि उस दौरान जिन लोगों का एलोपैथिक पद्धति से इलाज किया जा रहा था, उनकी मृत्यु दर 28.2 प्रतिशत थी। जबकि होम्योपैथी पद्धति से इलाज कराने वालों की मृत्यु दर 1.05 प्रतिशत थी।
बत्रा ने कहा, "गैलसेमियम और ब्रायोनिया नामक दो होम्योपैथिक दवाएं उस समय एच1एन1 को रोकने में कारगर साबित हुई थीं। इन दवाओं का इस्तेमाल आज भी उपयोगी साबित हो सकता है।"
होम्योपैथी के काम करने के तरीके की व्याख्या करते हुए जयपुर के होम्योपैथ चिकित्सक मनीष भाटिया ने कहा कि होम्योपैथिक दवाएं रोग के आधार पर नहीं, लक्षणों के आधार पर काम करती हैं।
भाटिया ने फोन पर कहा, "होम्योपैथी में एक सिद्धांत है, जिसे जीनस एपीडेमिकस कहते हैं। इसका मतलब यह है कि यदि कोई महामारी फैली हुई है और आप इलाके में 15 बीमार लोगों के लक्षणों का परीक्षण करते हैं तो उसमें समानता पाएंगे। उसके आधार पर आप उन लक्षणों के लिए दवाएं देते हैं। उसके बाद यदि उसी दवा को इलाके के अन्य लोगों को दिया जाता है तो वह रोग निवारक दवा के रूप में काम कर सकती है।"
भाटिया ने कहा, "लक्षणों के आधार पर स्वाइन फ्लू के विभिन्न मामलों के लिए विभिन्न किस्म की दवाइयां दी जा सकती हैं। इन दवाओं में से एक या दो दवाओं की खुराक अन्य दवाओं की बनिस्बत बार-बार दी जाएंगी और अन्य लोगों को इन दवाओं को निवारक औषधि के रूप में दिया जा सकता है।"
महाराष्ट्र में होम्योपैथी परास्नातक संघ के महासचिव अनवर आमिर ने कहा है कि उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को स्वाइन फ्लू से निपटने में अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए लिखा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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